Saturday, October 11, 2008

आज दिल्‍ली में


अजीब शहर है ये, पता ही नहीं लगता कि ये मुझे पसंद है कि नापसंद। लोग इस शहर के दीवाने हैं, शायद मैं भी।

1 comment:

मसिजीवी said...

स्‍वागत।।
बंधु टिप्‍पधी में वर्ड वेरिफिकेशन रह गया है। हटा लें तो सुविधा होगी